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मल्लिकार्जुन खड़गे: जिस पांच साल के बच्चे के सामने उसकी मां को जला दिया गया था, आज वह देश की सबसे पुरानी पार्टी का अध्यक्ष बन गया है।

जिस पांच साल के बच्चे के सामने उसकी मां को जला दिया गया था, आज वह देश की सबसे पुरानी पार्टी का अध्यक्ष बन गया है।

आजादी के पहले कर्नाटक में निजाम की हुकूमत थी। बंटवारे के बाद उनके गांव वरवट्टी में भी हिंदू-मुस्लिम दंगे भड़क गए। गांव पर निजाम की सेना ने हमला कर दिया। इस सेना के साथ लुटारी यानी लूटने वाले भी थे। उन्होंने पूरे गांव में आग लगा दी। इस गांव के एक घर में एक पांच साल के बच्चे के सामने उसकी मां को जला दिया गया। बच्चा देखता रह गया था। 

बच्चे के पिता उसे बचाकर गांव से दूर लेकर चले गए। तीन महीने जंगल में रहे। बाद में मजदूरी करके अपने बच्चे को पाला पोसा। सबसे तारीफ की बात ये रही है पिता ने बच्चे को काम में लगाने की बजाय पढ़ाया। बच्चा बड़ा होकर अपने जिले का पहला दलित वकील बना। फिर यूनियन लीडर, फिर विधायक, कर्नाटक सरकार में मंत्री, फिर सांसद, केंद्रीय सरकार में मंत्री और अब कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष। ये हैं मल्लिकार्जुन खड़गे। उनका जीवन काफी मार्मिक और प्रेरक है। 

आजादी के बाद महात्मा गांधी ने इच्छा जताई थी कि कांग्रेस का अध्यक्ष कोई दलित हो। हालांकि, उस समय ऐसा नहीं हुआ। आजादी के करीब दो दशक बाद बाबू जगजीवन राम पहले दलित थे जो कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे।

1970 के बाद कांग्रेस को फिर से एक दलित अध्यक्ष मिला है। कांग्रेस दावा कर सकती है कि उसने ऐसा करके महात्मा गांधी का सपना पूरा किया है।

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